झारखंड को विश्व बैंक देगा 31 करोड़ डॉलर का कर्ज

नई दिल्ली। केंद्र और झारखंड सरकार ने विश्व बैंक के साथ एक समझौता किया है, जिसके मुताबिक बहुपक्षीय एजेंसी राज्य की बिजली प्रणाली में सुधार के लिए 31 करोड़ डॉलर का कर्ज देगी, जो मुख्यत: पारेषण अवसरंचना के लिए दिया जाएगा। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, झारखंड बिजली प्रणाली सुधार परियोजना से नए बिजली पारेषण अवसंचरना को तैयार करने में मदद मिलेगी, साथ ही राज्य की बिजली क्षेत्र की यूटिलिटीट की तकनीकी दक्षता बढ़ाने और वाणिज्यिक प्रदर्शन सुधारने में मदद मिलेगी।

इस सौदे पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव समीर कुमार खरे, झारखंड के ऊर्जा विभाग के सचिव वंदना दादेल और विश्व बैंक भारत के कंट्री निदेशक जुनैद अहमद ने हस्ताक्षर किए। खरे ने कहा कि इस परियोजना से झारखंड को आर्थिक विकास दर बढ़ने पर अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, क्योंकि आनेवाले सालों में विश्वसनीय बिजली की मांग दोगुनी बढ़ेगी। अहमद ने कहा कि इस परियोजना से राज्य को विश्वसनीय बिजली की आपूर्ति, घरों, उद्योगों और व्यापारों को करने में तथा गरीबी मिटाने और समावेशी विकास में मदद मिलेगी।

यह परियोजना केंद्र सरकार के ‘बिजली सभी के लिए’ कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसे 2014 में शुरू किया गया था। इससे विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए स्वचालित उपकेंद्र, नेटवर्क विश्लेषण और योजना उपकरण जैसे आधुनिक तकनीकी समाधानों को लाने में मदद मिलेगी।

Comments are closed.