आखिर क्यों रूठ कर बीजेपी मे शामिल हो गए टॉम वडक्कन, सोनिया गांधी के बेहद वफादार

न्यूज़ डेस्क : टॉम वडक्कन को कांग्रेस का बेहद वफादार और सोनिया गांधी का करीबी नेता माना जाता था। वह 1990 में सोनिया गांधी द्वारा स्थापित पहली मीडिया समिति का हिस्सा थे। सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद इस समिति का गठन किया था। टॉम को सोनिया गांधी का ही नहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता विंसेंट जॉर्ज का भी करीबी माना जाता था। टॉम वडक्कन किसी जमाने में कांग्रेस प्रवक्ता और हर रोज टेलीविजन स्क्रीन पर दिखने वाला चेहरा हुआ करते थे। लेकिन हाल ही के सालों में कांग्रेस के भीतर प्रियंका चतुर्वेदी, पवन खेड़ा और जयवीर सिंह जैसे प्रवक्ताओं की धाक बढ़ने की वजह से वह खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। उन्हें पार्टी के भीतर उस तरह से तवज्जो नहीं मिल रही थी। इसी के चलते टॉम ने भाजपा का दामन थामा।

 

भाजपा में शामिल होते ही कांग्रेस पर साधा निशाना
उनके भाजपा में शामिल होने पर कांग्रेस ने दुख जाहिर किया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने वडक्कन को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनके भाजपा में शामिल होने से दुख है। आशा है कि टॉम की आकांक्षाएं पूरी होंगी। वहीं, टॉम वडक्कन ने भी भाजपा में शामिल होते ही कांग्रेस पर निशाना साधा और पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर वायुसेना के हमले के बाद आई पार्टी की प्रतिक्रियाओं को दुखद बताया। वडक्कन ने कहा कि उन्हें कांग्रेस द्वारा सेना पर उठाए गए सवाल से गहरा दुख है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब राजनीतिक स्टैंड राष्ट्र के विरूद्ध जाता है तो ऐसे में पार्टी छोड़ने के सिवाय कोई चारा नहीं रह जाता। वडक्कन ने कहा कि वह कांग्रेस के भीतर स्थितियों को लेकर आहत थे जहां यह स्पष्ट नहीं था कि सत्ता के केंद्र में कौन है ।

 

क्या राहुल की युवा टीम की वजह से उपेक्षित थे वडक्कन?
यह भी कहा जा रहा है कि जिस तरह से राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस में युवाओं को तवज्जो दी उससे पार्टी के पुराने वफादार लोग खुद को उपेक्षित महसूस करने लगे। वडक्कन भी पार्टी के भीतर खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। वह लंबे वक्त से कांग्रेस पार्टी के वफादार थे।

राजीव गांधी के संपर्क में आने के बाद कांग्रेस में हुए थे शामिल
कांग्रेस में शामिल होने से पहले 1980 के दशक में टॉम वडक्कन कॉर्पोरेट सेक्टर में काम कर थे। राजीव गांधी के संपर्क में आने के बाद टॉम वडक्कन ने अपनी नौकरी छोड़ दी और वह कांग्रेस में शामिल हो गए। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में वडक्कन को त्रिशूर से पार्टी प्रत्याशी के तौर पर भी प्रोजेक्ट किया गया लेकिन आखिर में उनका टिकट काट दिया गया। वह केरल के त्रिशूर के ही रहने वाले हैं।

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