उभरते निर्देशकों को मंच प्रदान करने के विज़न के साथ मध्यप्रदेश के पहले इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल का आज समापन

इंदौर 22 फरवरी 2019: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय सभागृह में चल रहे तीन दिवसीय इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल का आज अंतिम दिन था। आज मुख्य अतिथि के रूप में जाने माने फ़िल्म निर्देशक श्री नागेश कुकनूर ने फेस्टिवल में शिरकत की। श्री कुकनूर को समानांतर सिनेमा में अपने काम के लिए जाना जाता है, जैसे कि हैदराबाद ब्लूज़ (1998), रॉकफोर्ड (1999), इकबाल (2005), डोर (2006), आशाएं (2010), लक्ष्मी (2014), और धनक (2016)। श्री कुकनूर को अब तक उनके कार्यों के लिए सात अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार और दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

 

आज फेस्टिवल का प्रथम सत्र  अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित लघु फिल्मों और एनिमेटेड फिल्मों के लिए समर्पित रहा। इस श्रेणी में संभवतया, प्रौन्स, सीईसी नेस्ट टोनाउर पास पापा, अम्ब्रेला, दस का चार, स्लॉटर, सम वन गुड विल फाइंड यु, लोसार और प्रीडेटिंग द प्रिडेटर की स्क्रीनिंग की गई।

 

दूसरे सत्र की शुरुआत बॉलीवुड साउंड डिजाइनर श्री नितिन लुकोस द्वारा साउंड डिजाइनिंग की मास्टर क्लास के साथ हुई। श्री नितिन एक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘तिथी’ में साउंड डिजाइनिंग के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कई दक्षिण फिल्मों के लिए साउंड डिजाइन किया है। मास्टर क्लास के बाद श्री कुकनूर ने दर्शकों को संबोधित किया।

 

मॉडल और नवोदित अभिनेत्री काजल चौधरी द्वारा लिखित पुस्तक  ‘डायरेक्ट दिल से’ का विमोचन भी आज किया गया। फ़िल्म फेस्टिवल की आखिरी फिल्म इंदौर के निर्देशक श्री दिनेश एस यादव द्वारा निर्देशित ‘टर्टल(कछुआ)’ थी। यह फिल्म प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता श्री संजय मिश्रा के उल्लेखनीय अभिनय से सज्जित है। समापन समारोह के अवसर पर कुलपति श्री एन.के. धाकड़ भी उपस्थित थे। श्री कुकनूर, श्री लुकोज़ और श्री धाकड़ ने फिल्म निर्माताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों में दिए गए :

 

सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म – मास्साब (निर्देशक – आदित्य ओम), सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म – टर्टल (दिनेश एस यादव), सर्वश्रेष्ठ डाक्यूमेंट्री फिल्म – प्रेडटिंग द प्रिडेटर (निर्देशक- डॉ विपुल कीर्ति शर्मा), बाल यौन उत्पीड़न पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म का विशेष पुरस्कार आरती एस बागड़ी को फ़िल्म ‘उड़ने दो’ के लिए दिया गया। स्पेशल जूरी मेंशन – बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म – लोसार (निर्देशक – राहुल यादव), बेस्ट शॉर्ट फिल्म – संभवतः (निर्देशक – गौरव मदान), स्पेशल जूरी मेंशन – बेस्ट शॉर्ट फिल्म अव्यक्त (निर्देशक – राकेश सिंह), बेस्ट संगीत निर्देशन – भालोबासर जोंनो भालोबासर सोंगय (संगीत निर्देशक – संजयनी)

मोस्ट प्रॉमिसिंग यंग आइकन (फिल्म निर्माता) – विलेज रॉकस्टार के लिए रीमा दास, मोस्ट प्रॉमिसिंग यंग आइकॉन (डायरेक्टर) – आदित्य कृपलानी, मोस्ट प्रॉमिसिंग यंग आइकॉन (डायरेक्टर) – आरती एस बागड़ी, मोस्ट प्रॉमिसिंग यंग आइकॉन (डायरेक्टर) – आदित्य ओम को सम्मानित किया गया।

 

इस अवसर पर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड श्री रघुबीर यादव जी को दिया गया।

 

श्री यादव मध्य प्रदेश के जबलपुर से हैं और विगत 30 वर्षो से भी अधिक समय से फिल्मो में सक्रिय हैं। श्री यादव एकमात्र ऐसे अभिनेता हैं जिनकी 8 फिल्मों को ऑस्कर के लिए नामांकित किया गया है। उन्होंने नुक्कड़ नाटक से अपने करियर की शुरुआत की और आज से 60 से अधिक फिल्मों में काम किया है।

इस अवसर पर फेस्टिवल के निदेशक श्रीअमिताभ गुप्ता ने कहा, “IFFMP के पहले संस्करण की सफलता से हम बहुत खुश हैं। हम हमेशा से प्रदेश के युवा फिल्म निर्माताओं को प्रोत्साहित करना चाहते हैं, यह फ़िल्म फेस्टिवल युवा व उभरते फ़िल्म मेकर्स को मंच प्रदान करने का एक प्रयास है। इसके अलावा, यह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सिनेमा को फिल्म प्रेमियों के लिए शहर में उपलब्ध कराने की हमारी एक छोटी सी पहल है। “

Comments are closed.