Gujarat Election: पिछड़ने के बाद भी गुजरात में कांग्रेस का होगा वर्षों बाद सबसे दमदार प्रदर्शन

नई दिल्‍ली। गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे भले ही कुछ देर बाद सामने आएं लेकिन जिस तरह से रुझान सामने आ रहे हैं उसको देखते हुए यह कहा जा सकता हे कि यहां पर कांग्रेस जरूर फायदे में रहेगी। फिलहाल रुझान तो यही बता रहे हैं। यहां पर एक बात और दिलचस्‍प है और वह ये है कि जिस तरह के रुझान फिलहाल गुजरात में दिखाई दे रहे हैं उसको देखते हुए यह साफतौर पर कहा जा सकता है कि राहुल गांधी के अध्‍यक्ष बनने का असर यहां पर कुछ जरूर दिखाई दे रहा है। इसको यह भी कहा जा सकता है कि कांग्रेस के किए चुनावी वायदों ने यहां पर कुछ असर तो जरूर दिखाया ही है।

कांग्रेस के मुद्दे

कांग्रेस ने इस बार में गुजरात में नौकरी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था। इसके अलावा पाटीदारों को आरक्षण भी एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना। इसके अलावा मोदी सरकार के राज में लगा जीएसटी भी कांग्रेस के लिए काफी बड़ा मुद्दा था। कांग्रेस के मुताबिक जीएसटी से यहां के उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ा है और इसको लेकर यहां के उद्योपतियों में काफी रोष है। कांग्रेस को इन मुददों से अपनी जीत को लेकर काफी उम्‍मीदें हैं।

पार्टी को संजीवनी

राहुल गांधी के पार्टी का अध्‍यक्ष बनने के बाद गुजरात चुनाव को उनकी उपलब्धि के तौर पर लिया जा सकता है। भले ही गुजरात में कांग्रेस सरकार बनाने से पीछे रह जाए लेकिन इस बार उसका प्रदर्शन पहले के मुकाबले में काफी बेहतर होता दिखाई दे रहा है। आपको यहां पर बता दें कि पिछले गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 60 सीटें भी नहीं पा सकी है। ऐसे में यदि यह रुझान नतीजों में तब्‍दील होते हैं तो यह कांग्रेस के लिए फायदेमंद ही होगा। इसको लेकर कांग्रेस आने वाले आम चुनाव में भी अपना बेहतर प्रदर्शन दिखा सकेगी। यदि यह रुझान नतीजों में तब्‍दील होते हैं तो इसको पार्टी के लिए संजीवनी भी माना जा सकता है।

बीते चुनाव पर नजर

हम आपको बता दें कि 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 116 सीटें हासिल की थीं वहीं कांग्रेस 61 पर काबिज थी। वहीं 2007 के विधानसभा चुनाव में भी कोई खास फर्क दिखाई नहीं दिया था। इस दौरान भाजपा को जहां 117 सीटें मिली थीं वहीं 59 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थीं। इसके अलावा 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 127 और कांग्रेस को 57 सीटें मिली थीं। 1998 में भी भाजपा ने यहां पर जीत दर्ज करते हुए 117 सीटें पाई थीं जबकि कांग्रेस 53 पर सिमट गई थी।

साल 2012 के चुनावों में भाजपा को 39 फीससी वोट मिले थे जबकि कांग्रेस को 9 फीसदी। यानी कांग्रेस बीजेपी से महज 9 फीसदी वोटों से पीछे थी। 2017 के एग्जिट पोल के मुताबिक भाजपा को 47 फीसदी वोट मिलने की संभावना है जबकि कांग्रेस को 42 फीसदी वोट की। यानी राहुल गांधी पार्टी और संगठन को आमजनों तक पहुंचाकर और उनमें कांग्रेस के प्रति फिर से मोह जगाने में कामयाब रहे हैं। यही वजह है कि इस बार कांग्रेस बीजेपी से महज पांच फीसदी वोट से पीछे रह सकती है।

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