गुलाबी ठंड में घुली जत्रा की महक – मराठी वारसा फेस्टिवल

• जत्रा में पुलवामा हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई 
• रविवार को कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट राहुल अवारे भी होंगे जत्रा में शामिल 
● रविवार को जत्रा में महिलाओं के लिए रंगोली प्रतियोगिता भी रखी गयी है।
इंदौर,16 फरवरी 2019 – मराठी व्यंजनों व संस्कृति के तीन दिवसीय जत्रा, मराठी वारसा फेस्टिवल का आगाज़ शुक्रवार 15 फरवरी से माँ कनकेश्वरी धाम, मदन महल गार्डन के पास आई. टी. आई. रोड पर हुआ। मराठी वारसा फेस्टिवल का यह लगातार तीसरा वर्ष है। मौसम में घुली गुलाबी ठंड भी लोगों को जत्रा में शामिल होने से नहीं रोक पाई और यहाँ दुसरे दिन भी सुबह से ही भारी संख्या में लोग शामिल हुए। 17 फरवरी तक चलने वाले इस महोत्सव में लोगों ने स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजनों के साथ ही यहाँ होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी लुत्फ़ उठाया।
रविवार, 17 फरवरी को कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट राहुल अवारे भी इस जत्रा में शामिल होंगे साथ ही उनका सम्मान भी किया जाएगा। राहुल अवारे भारत के लिए रेसलिंग के मेंस फ्रीस्टालईल 57 किग्रा भार वर्ग में गोल्डम मेडल जीत चुके है।
‘जत्रा’ का नाम महाराष्ट्र के स्वादिष्ट व्यंजनों की याद दिलाता है जिसमें ख़ास झुणका भाकर,पोहा वडा, साबूदाना वडा, अप्पे, सांभर रोल,  ड्रायफ्रूट करंजी, आलू ची भाकर वडी, चिरोटे ,पुणेरी भेल, सहित स्वादिष्ट मराठी व्यंजनों के करीब 40  स्टॉल हैं। शनिवार को बच्चों के लिए डांस कॉम्पिटिशन और चेयर रेस का भी आयोजन हुआ था। जत्रा में शिवाजी महाराज की एक प्रदर्शनी लगाई गई है जिसमें उनके 300 से अधिक किले और जीवनशैली को दर्शाया गया है।
महोत्सव में इस बार खासतौर पर मुंबई से आई विठ्ठल कदम जी की टीम के साथ ‘पराक्रम कलामंच’ के कलाकारों द्वारा संस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गई। इस टीम के 23 ख्याति प्राप्त कलाकारों द्वारा “महाराष्ट्र की परम्परा” को दर्शाते हुए महाराष्ट्र के लोक गीत, लावणी, नृत्य-संगीत की प्रस्तुतियां एवं अन्य संस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। साथ ही आदिवासी ग्रुप ‘ठाकर’ ने नृत्य पेश किया।    
    
जत्रा की आयोजक स्वाति युवराज काशिद ने बताया की यह हमारा तीसरा वर्ष है और हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी लोगों में जत्रा को लेकर दोगुना उत्साह देखने को मिल रहा है। शनिवार को पारम्परिक हल्दी कुमकुम का आयोजन रखा गया था, जिसमें करीब 300 महिलाओं ने मिलकर हल्दी कुमकुम मनाया। जत्रा में महिलओं ने अपने हाथों से बनाये स्वादिष्ट मराठी व्यंजनों के स्टॉल लगाए हैं। पुलवामा में हुए हादसे से हम सभी बहुत आहत हैं और शुक्रवार को जत्रा की शुरुआत से पहले सभी ने 2 मिनट का मौन रख कर सभी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।      
जत्रा में एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसमें हाल ही में हुए पुलवामा के  आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के लिए आगंतुक एक बोर्ड पर हस्ताक्षर या कुछ लिखकर अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त कर सकते हैं।      
 
 
 

Comments are closed.