हम अब चौकीदार की भूमिका में हैं: शिवराज

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को मैंने हृदय से शुभकामनाएं दी हैं। वे प्रदेश का विकास करें, हम पूरा सहयोग करेंगे। पहले दिन से गालियां भी नहीं देंगे पर वचन पत्र के वादे नहीं निभाए तो भाजपा प्रखर आंदोलन करेगी। हम अब चौकीदार की भूमिका में हैं। यह कहना प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का। उन्होंने कल प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कमलनाथ के शपथ लेने के बाद वे उनसे मिलेंगे और धान खरीदी में किसानों को हो रही परेशानी दूर करने व भाजपा सरकार की जनहितैषी योजनाएं जारी रखने का आग्रह भी करेंगे।

भ्रष्टाचार की जांच के लिए जनआयोग बनाने और आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने संबंधी एक सवाल के जवाब में चौहान ने कहा कि कांग्रेस जो भी करे, उसका स्वागत करेंगे।भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को मैंने हृदय से शुभकामनाएं दी हैं। वे प्रदेश का विकास करें, हम पूरा सहयोग करेंगे। पहले दिन से गालियां भी नहीं देंगे पर वचन पत्र के वादे नहीं निभाए तो भाजपा प्रखर आंदोलन करेगी। हम अब चौकीदार की भूमिका में हैं। यह कहना प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का।

उन्होंने कल प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कमलनाथ के शपथ लेने के बाद वे उनसे मिलेंगे और धान खरीदी में किसानों को हो रही परेशानी दूर करने व भाजपा सरकार की जनहितैषी योजनाएं जारी रखने का आग्रह भी करेंगे। भ्रष्टाचार की जांच के लिए जनआयोग बनाने और आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने संबंधी एक सवाल के जवाब में चौहान ने कहा कि कांग्रेस जो भी करे, उसका स्वागत करेंगे। विधानसभा चुनाव में मिली पराजय पर चौहान ने एक बार फिर जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि अभी हार के कारणों के बारे में पूरी तरह कुछ कहा नहीं जा सकता पर कर्जमाफी का भी कहीं-कहीं असर रहा।

10 साल पहले 2008 के चुनाव में हमें 38 फीसदी वोट मिले पर 143 सीटें मिलीं। इस बार 41 फीसदी वोट मिले पर सीटें 109 मिलीं। प्रदेश सरकार के कर्ज लेने पर शिवराज बोले कि हर सरकार कर्ज लेती है। हमने भी लिया, लेकिन जीडीपी का तीन फीसदी। इस सीमा को कभी पार नहीं किया। कभी ओवरड्राफ्ट नहीं हुआ। चौहान ने कहा कि बिना किसी आधार के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल खरीदी पर देश को दुनियाभर में बदनाम किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपशब्द कहे। इसके लिए उन्हें देश से माफी मांगना चाहिए। वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नसीहत लें। भविष्य में बचकाने आरोप न लगाएं।

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