टाटा की एजेंसी करेगी दिल्ली के शेल्टर होम्स का ऑडिट

नई दिल्ली। दिलशाद गार्डन के बालिका संस्कार आश्रम से एक नाबालिग समेत 9 लड़कियों के गायब होने के बाद दिल्ली के सभी शेल्टर होमों का ऑडिट किया जाएगा। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली महिला आयोग को निर्देश दिया है कि दिल्ली के महिला महिलाओं और लड़कियों के लिए बनाए गए सभी शेल्टर होमों का सोशल ऑडिट टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस) की एजेंसी ‘कोशिश’ से कराया जाए।

इसी एजेंसी ने बिहार में हाल के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड को उजागर करने में अहम भूमिका निभाई थी। दिल्ली महिला आयोग की चीफ स्वाति जय हिंद ने कहा कि आयोग ने सितंबर में शेल्टर होम का ऑडिट करने का एक पायलट प्रॉजेक्ट शुरू किया था, जिसकी रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंपी जा रही है। आयोग ने अब शेल्टर होम के ऑडिट के लिए टीआईएसएस की सेवाएं ली हैं। आयोग ने बताया कि ‘कोशिश’ की टीम दिल्ली के सभी शेल्टर होम में जा रही है। यह सभी जरूरी बिंदुओं का ऑडिट करेगी, जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर, शेल्टर होम में मिलने वाली सुविधाएं, स्टाफ की संख्या, उनको दी गई ट्रेनिंग, स्टाफ का व्यवहार, होम में रहने वाले लोगों के पुनर्वास के लिए की गई कोशिशें। ऑडिट के दौरान कोई गड़बड़ी मिलेगी तो इसकी सूचना तुरंत आयोग को दी जाएगी। ऑडिट टीम पॉलिसी के सभी अच्छे और खराब पहलुओं पर भी रिपोर्ट बनाएगी।

मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में टीआईएसएस की टीम और महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों की मीटिंग में सिसोदिया ने आयोग को ऑडिट करवाने का निर्देश दिया। मीटिंग में स्वाति जय हिंद और महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव रश्मि कृष्णन मौजूद थीं। ‘कोशिश’ के निदेशक मोहम्मद तारिक ने कहा कि वे शेल्टर होम में सभी तरह की समस्याओं को समझने और उनको सुधारने में पूरी मदद देंगे। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा हमने दिल्ली के शेल्टर होम की वास्तविक हालात की जांच बिना किसी भेदभाव के करने के लिए एक बाहरी एजेंसी की सेवाएं ली हैं, जो दिल्ली सरकार के सामने वास्तविक रिपोर्ट देगी।

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