40 दिन आतंकी ट्रेनिंग कैंप में रहा खुंखार आतंकी जुनैद, नेपाल की लड़की से हुआ था इश्‍क

नई दिल्‍ली । 15 लाख रुपए का मोस्टवांटेड आतंकी आरिज खान उर्फ जुनैद को दिल्ली पुलिस की विशेष सेल ने गिरफ्तार किया है। इसके तार आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े हुए हैं। 19 सितंबर 2008 को जब बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ था तो जुनैद पुलिस को झांसा देकर वहां से भागने में सफल रहा था। जुनैद को दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद में हुए सीरियल विस्‍फोट्स और 2007 में उत्‍तर प्रदेश की एक अदालत में हुए ब्लास्ट का मास्‍टर माइंड माना जाता है। इन विस्‍फोटों में कुल 165 लोग मारे गए थे और 535 घायल हुए थे।

इस एनकाउंटर में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जुनैद इस वजह से भागने में सफल रहा क्योंकि तीसरी मंजिल पर फ्लैट का आकार एल शेप में था। इस फ्लैट में तकरीबन 5 लोग किराए पर रहते थे, जिन पर आरोप था कि उन्होंने दिल्ली में सीरियल बम धमाकों को अंजाम दिया है।

नेपाल की लड़की से हुआ था इश्‍क 

जुनैद की नेपाल की एक युवती से इश्‍क हुआ। इसके बाद उसने नेपाली लड़की से निकाह कर लिया। इस लड़की का नाम सारा था। इसी दौरान जुनैद नेपाल के निजामुद्दीन खान उर्फ निजाम खान के संपर्क में आया। आरिज वाराणसी से बिहार गया और उसके बाद वह नेपाल के बिरतानगर पहुंचा। खान की मदद से जुनैद नेपाल की नागरिकता हासिल करने में सफल हुआ और वहां का पासपोर्ट भी हासिल कर लिया। इतना ही नहीं उसने अपना नाम बतौर मोहम्मद सलीम पासपोर्ट पर लिखवाया था। जुनैद नेपाल में अपना एक रेस्टोरेंट चलाता था। इसके अलावा वह अलग-अलग स्कूलों में शिक्षणकार्य भी करता था।

आतिफ ने दिया आतंक का पहला मंत्र

इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा के लिए अलीगढ़ जाना जुनैद की जिंदगी में नया मोड़ ले आया। वहां, जुनैद की मुलाकात आतिफ अमीन से हुई। आतिफ उन्हें मौलाना मसूद अजहर के भाषण सुनवाता, फिलिस्तीन की लड़ाई के विडियो क्लिप दिखाता और मैगजीन्स पढ़ने को मुहैया करवाता।

दिल्‍ली को बनाया ठिकाना

वर्ष 2004 से 2005 तक करीब एक वर्ष तक वह दिल्ली में रहा। दिल्‍ली के लाजपत नगर इलाके में अपने चाचा के पास रहता था। इसके बाद फिर वह जाकिर नगर चला गया। उसने मुजफ्फरनगर के एसडी कॉलेज से बीटेक करने के लिए दाखिला ले लिया, लेकिन यहां वह दूसरे वर्ष फेल हो गया। इसी कॉलेज से जुनैद के बड़े भाई ने भी पढ़ाई की थी।

पहली तालीम डॉक्टर चाचा के घर पर हुई

उत्‍तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में उसका जन्म हुआ। जुनैद के दो भाई हैं। वह अपने डॉक्टर चाचा के घर अपने पिता आलम खान और भाई शारिक के साथ रहता था। जुनैद का एक भाई एक इंजिनियर है। जुनैद ने आजमगढ़ के शिबली नैशनल नर्सरी स्कूल और ज्योति निकेतन से स्कूली पढ़ाई की।

आजमगढ़ से ही 10वीं पास करने के बाद जुनैद ने 11वीं क्लास के लिए अलीगढ़ में दाखिला लिया, लेकिन फेल हो गया। फिर आजमगढ़ के ज्योति निकेतन स्कूल में साइंस स्ट्रीम से पढ़ाई की। 2003 में 12वीं पास करने के बाद इंजिनियरिंग का एंट्रेस क्लीयर करने के लिए लखनऊ जा पहुंचा, लेकिन इसमें कामयाब नहीं हो पाया।

40 दिन आतंकी ट्रेनिंग कैंप में रहा

इतना ही नहीं वह पाकि‍स्‍तान के कराची में 40 दिनों तक आतंकी ट्रेनिंग कैंप में भी रहा। यहां उसने हथियार चलाने और बम बनाने का प्रशिक्षण लिया। यहां उसकी दोस्‍ती बेग और आतिफ से हुई। इस दोस्‍ती ने उसकी दुनिया ही बदल दी। प्रशिक्षण के बाद वह आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के लिए काम करने लगा। का हिस्सा बन गए। इसके बाद उसने भारत को दहला देने की साजिश रची।

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