मोबाइल पर हुई बातचीत का ब्यौरा मिलने के बाद ही खशोगी को निशना बनाया गया -हत्या के पहले की गई थी जासूसी, दोस्त ने इजरायल की कंपनी पर किया केस

तेल अवीव। वरिष्ठ अमेरिकी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में उनके एक दोस्त ने इजरायल की सर्विलांस कंपनी एनएसओ समूह के खिलाफ केस दर्ज कराया है। खशोगी के दोस्त का दावा है कि उनके मित्र की हत्या में उस कंपनी के जासूसी के उपकरणों का इस्तेमाल किया गया। तेल अवीव कोर्ट में दायर केस से पहले भी कंपनी के खिलाफ मुकदमा किया गया है, चूंकि नया केस दायर करने वाले व्यक्ति का संबंध खशोगी से है, तो इसने इजरायल की कंपनी और वहां की सरकार पर चर्चा शुरू कर दी है। जिन्होंने सर्विलांस तकनीक के निर्यात को लाइसेंस दे रखा है। केस के मुताबिक, सऊदी के शाही परिवार के आलोचक और कनाडा निवासी उमर अब्दुल अजीज ने कहा वह खशोगी के दोस्त हैं और वह उनके साथ काम कर चुके हैं।

अब्दुल अजीज का दावा है कि उन्हें एक लिंक मिला जिसपर उन्होंने क्लिक किया। उनका दावा है कि इस लिंक की वजह से उनके मोबाइल पर हुई बातचीत का ब्यौरा सऊदी अधिकारियों को मिल गया, जिसके बाद से शाही परिवार के अलावा वहां के अधिकारियों ने उन्हें तथा सऊदी में रह रहे उनके परिवार को प्रताड़ित किया है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा अब्दुल अजीज के खिलाफ जासूसी के निर्देश व खशोगी और उनके बीच हुई बातचीत को हैक करने का तरीका बताता है कि इससे कॉन्स्युलेट में खशोगी की हत्या का फैसला किया गया। केस में दावा किया गया है कि एनएसओ ग्रुप ने सऊदी अरब को 5.5 करोड़ डॉलर में 2017 में यह टेक्नॉलजी बेची थी। अब्दुल अजीज कंपनी से क्षति पूर्ति के रूप में 1.6 लाख डॉलर की मांग कर रहे हैं।

वहीं, एनएसओ ग्रुप ने लिखित बयान में कहा है कि कंपनी की टेक्नॉलजी सरकारों और सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवाद और अपराध से लड़ने में मदद करती है। इसने कहा वह अपने प्रॉडक्ट को बेचने के लिए काफी सतर्कतापूर्ण फैसला लेती है, जिसे इजरायल की रक्षा मंत्रालय ने लाइसेंस दिया है। कंपनी ने कहा हम अपने प्रॉडक्ट के गलत इस्तेमाल को बर्दाश्त नहीं करते। अगर गलत इस्तेमाल का कोई संदेह पैदा होता है, हम जांच करते हैं और उचित कार्रवाई करते हैं। इसमें कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर देना भी शामिल है।

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