कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन की शिकायतों की जांच मांग पर मानवाधिकार परिषद करेगी निर्णय

संयुक्त राष्ट्र । संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों की उच्च स्तरीय स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग पर आगे क्या कदम उठाना है, इसका निर्णय संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद लेगी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुतारेस के उप-प्रवक्ता फरहान हक ने यह टिप्पणी कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर संयुक्त राष्ट्र की पहली मानवाधिकार रिपोर्ट सामने आने के बाद की है।

भारत ने कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन की संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट को भ्रामक, पक्षपातपूर्ण और स्वार्थ प्रेरित बता कर इसे खारिज कर दिया। भारत ने इसे गैर सत्यापित जानकारी का बड़ा संकलन बताया। विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि रिपोर्ट पूरी तरह से पूर्वाग्रह से प्रेरित है और गलत तस्वीर पेश करने का प्रयास कर रही है।

उप प्रवक्ता फरहान हक ने कल यहां संवाददाताओं से कहा जैसा आप जानते हैं यह मानवाधिकार परिषद के सदस्य देशों पर निर्भर करेगा। उच्चायुक्त जैद ने मानवाधिकार परिषद को इस बारे में प्रस्ताव दिया है। इसका जवाब क्या होना चाहिए इसके बारे में हम आकलन करेंगे। उनसे पूछा गया था कि क्या महासचिव कश्मीर और पीओके में कथित उल्लंघनों की स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच के पक्ष में हैं।

इस सवाल के जवाब में हक ने कहा कि संरा प्रमुख का लंबे समय से यह मानना है कि कश्मीर में बने हालात को पक्षों को अपने स्तर पर सुलझाना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें देखना होगा कि इस रिपोर्ट के परिणाम के बारे में मानवाधिकार परिषद क्या फैसला लेती है। यह रिपोर्ट मानवाधिकार कार्यालय ने तैयार की है। संयुक्त राष्ट्र का फैसला क्या होगा यह सदस्य देश तय करेंगे।

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