इंदौर में आईजीआई की डी-शो नॉलेज मीट 9 व 10 जनवरी 2019 को

  • इंदौर में होगी 2 दिवसीय आईजीआई डायमंड शो नॉलेज मीट
  • डायमंड (हीरे), जवाहरात और फाइन डायमंड ज्वेलरी प्रमाणन के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ विशेषग्यता रखने वाली कम्पनी है जो सम्पूर्ण मध्य भारत में असाधारण डिजाइन नॉलेज प्रस्तुत करती है

 

इंदौर 7 जनवरी 2019- दुनिया के सबसे बड़े स्वतंत्र जवाहरात प्रमाणन तथा मूल्यांकन करने वाले संस्थान इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट यानी आईजीआई ने अपने आईजीआई डी-शो की उद्घोषणा की l यह शो इंदौर की होटल मैरियट में 9 व 10 जनवरी 2019 को सम्पन्न होगा। यह अनूठी नॉलेज मीट प्रमुख ज्वेलरी रिटेलर्स तथा हीरे के जेवरात के निर्माताओं बेहतर रिश्ते स्थापित करने के लक्ष्य के साथ आयोजित की जा रही है l उल्लेखनीय है कि आईजीआई की नींव भारत में 1975 में रखी गई थी और कम्पनी ने भारत में अपने 20 वर्ष पूरे कर लिए हैं l

 

भारतभर के व्यवसायियों से मिलने वाले शानदार सहयोग की प्रतिक्रियास्वरूप संस्थान ने अपनी उपस्थिति का विस्तार कई शहरों में किया है जिसमें इसका क्षेत्रीय संस्करण इंदौर भी शामिल है l आईजीआई ने इस स्थान का चयन हीरों और हीरों के गहनों के बाजार में इस शहर की मजबूत और विश्वसनीय स्थिति को देखते हुए ही किया है l इंदौर के संदर्भ में कम्पनी के फॉर्मैट का केंद्र प्रसिद्द हीरा व्यवसाइयों के साथ मिलकर 1000 नई डिजाइंस का उद्घाटन करना है l गौरतलब है कि विभिन्न शहरों में हुए आईजीआई के पूर्व के डी-शोज न केवल बहुत सफल रहे हैं बल्कि व्यापारी वर्ग ने उनकी खुले दिल से सराहना भी की है. प्रत्येक डी-शो के अंतर्गत न केवल इस उद्योग के दिग्गजों के बीच करीब 800 मीटिंग्स सम्पन्न हुई हैं बल्कि इसके अंतर्गत विशेष सेमिनार्स भी आयोजित किये गए ताकि शो में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को इस उद्योग की चुनौतियों का अच्छी तरह सामना करने में मदद की जा सके l

 

इन शोज का लक्ष्य उन समान सोच वाले ज्वेलर्स को एक साथ लाना है जो आईजीआई प्रमाणन पर विश्वास करते हैं. साथ ही ऐसे ज्वेलर्स को दीर्घकालिक व्यवसायिक रिश्ते स्थापित करने का अवसर देना भी इसका एक लक्ष्य है. डी-शो  की विस्तृत सोच भारत के जवाहरात के बाजार के विकास से जुड़ी है l यह सेशन एक हीरे के उद्भव की पहचान से जुड़ी पेचीदगियों की जानकारी देने के साथ ही ज्वेलरी के क्षेत्र में सर्वोत्तम डिजाइन के पहलू को सामने लाने में मदद करेगा। अन्य प्रमुख बिंदुओं में जेवरात के लिए हीरा खरीदते हुए गाइडलाइंस का पालन करना, प्रभावी ग्रेडिंग तकनीक, मास्टर डायमंड की तुलना वाले जवाहरातों का प्रयोग, फैंसी शेप्स (आकारों) की ग्रेडिंग, लाइट रिटर्न के बारे में समझ विकसित करना तथा फिनिश ग्रेड के महत्व को समझना आदि  शामिल हैं l आईजीआई डी- शो नॉलेज मीट के जरिये डिजाइनों के सौंदर्यबोध को प्रोत्साहित करता है और आईजीआई के प्रमाणपत्र द्वारा गुणवत्ता और प्योरिटी को सुनिश्चित करता है. ये वे दो महत्वपूर्ण पहलू हैं जिन्हें डायमंड की ज्वेलरी खरीदते समय ग्राहक देखते हैं l

 

आईजीआई इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर तेह्मस्प प्रिंटर ने इस संदर्भ में कहा-‘आईजीआई के पूर्व में सम्पन्न डी-शोज की सफलता के आधार पर हमारी टीम इंदौर के बाजार की क्षमता और गुंजाइश को लेकर शोध कर रही थी और इससे मिले सकारात्मक परिणामों ने इस शहर में हमारे विस्तार को आकार दिया।’ डी-शो के इस संस्करण के साथ आईजीआई इंदौर में देशभर  सर्वोत्तम रचनात्मकता को प्रस्तुत करना चाहता है l 

 

श्री प्रिंटर ने आगे कहा-‘आईजीआई की उन सभी निर्माताओं और रिटेलर्स दोनों से बेहद मजबूत संबद्धता है जिन्होंने आईजीआई प्रमाणन को सब्स्क्राइब किया है. हम उन रिश्तों के और भी प्रगाढ़ होने, नए रिश्ते बनाने और इंदौर के डी-शो के जरिये भविष्य की संभावनाओं की खोज करने की आशा रखते हैं।’

 

इस शो के प्रमुख आकर्षणों में डिजाइन स्टूडियो ‘आकार’ भी शामिल है जो कि अद्भुत हीरे के जेवर को रचने के विचार की सम्पूर्ण यात्रा का वर्णन करता है. यह स्टूडियो एक डिजाइन और उससे जुड़ी अप्रतिम कहानी का अद्भुत मेल है जो कि नए दौर के ग्राहकों की ज्वेलरी के लिए आकांक्षा को प्रोत्साहित करता है l

 

 

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