सड़क हादसे में मौत, पीड़ित परिवार को 7.60 करोड़ मुआवजा देगी इंश्योरेंस कंपनी – 10 साल पहले हुई कार दुर्घटना में चालक सहित एक ही परिवार के तीन सदस्यों की हो गई थी मौत

पुणे। बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक कार-दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसके परिवार को ब्याज सहित तकरीबन 7 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। 10 साल पहले हुई कार दुर्घटना में चालक सहित एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई थी। इसी मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट की जस्टिस आरएम सावंत और एनएम जामदार की पीठ ने पीड़ित के परिवार के खिलाफ न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया और परिवार को ब्याज सहित 7 करोड़ रुपये से ज्यादा का मुआवजा देने के लिए कहा है।

10 साल पहले टाटा प्रेसिजन इंडस्ट्रीज में काम करने वाले रवींद्र कुलकर्णी की एक कार ऐक्सिडेंट में मौत हो गई थी। रवींद्र परिवार में अकेले कमाने वाले शख्स थे और उस वक्त उनकी सैलरी तकरीबन 11 हजार सिंगापुर डॉलर थी। 17 जून 2008 को 47 साल के रवींद्र अपनी पत्नी शैलजा और दो बेटों अनिकेत और आशीष के साथ पुडुचेरी से चेन्नई जा रहे थे। रास्ते में एक घातक दुर्घटना में रवींद्र की मौके पर ही मौत हो गई। उनके साथ कार के चालक और उनके बेटे अनिकेत की भी जान चली गई। रवींद्र की पत्नी शैलजा और बेटे आशीष को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां शैलजा की इलाज के दौरान मौत हो गई। रवींद्र के पिता प्रभाकर और मां विजया उनके बेटे आशीष के साथ रहते हैं। प्रभाकर ने 2009 में मोटर ऐक्सिडेंट क्लेम ट्राइब्यूनल (एमएसीटी) में क्लेम दायर किया।

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