एम्स में संसाधनों की कमी होगी पूरी

नए डायरेक्टर ने मांगा विभागों से संसाधनों और समस्याओं का ब्यौरा  नए डायरेक्टर ने मांगा विभागों से संसाधनों और समस्याओं का ब्यौरा  भोपाल (ईएमएस)। राजधानी स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के नवागत डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह ने अस्पताल में संसाधनों की कमी और समस्याओं का ब्यौरा सभी विभागों से मंगाया है ताकि संसाधनों की कमी को पूरा किया जा सके। एम्स डायरेक्टर ने  पदभार संभालने के साथ ही सभी विभागों के कामकाज का हिसाब लेना शुरू कर दिया है। सभी विभाग अपना-अपना प्रजेंटेशन दे रहे हैं।

दो दिन के भीतर करीब एक दर्जन विभागों ने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन दिया है। प्रजेंटेशन में सभी विभाग प्रमुख अपने विभाग के फैकल्टी मेंबर, दूसरे कर्मचारी, उपकरण, अब तक किए काम जैसे देखे गए मरीज, सर्जरी, एक्सरे, सोनोग्राफी, रिसर्च पेपर का प्रकाशन आदि का हिसाब दे रहे हैं। एम्स के अधिकारियों ने बताया कि प्रजेंटेशन का मकसद विभाग की दिक्कतें पता कर उन्हें हल करना है।

अभी तक माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी, फिजियोलॉजी, डेंटिस्ट, न्यूरोलॉजी, बर्न एंड प्लास्टिक, स्किन आदि विभागों का प्रजेंटेशन हो चुका है।  ज्यादातर विभाग प्रमुखों ने फैकल्टी मेंबर, सीनियर रेसीडेंट व अन्य कर्मचारियों की कमी होने की दिक्कत बताई है। एम्स भोपाल में मरीजों को सर्जरी के लिए अब दो-दो महीने तक इंतजार नहीं करना होगा। यहां पांच ऑपरेशन थियेटर (ओटी) तैयार हो गए हैं।

ओटी का कल्चर टेस्ट कराने के बाद इन्हें शुरू कर दिया जाएग। इसके साथ यहां 24 में से 12 ओटी शुरू हो जाएंगे। एम्स में अभी 7 बड़े ओटी व पांच छोटे ओटी चल रहे हैं। अस्पताल में 11 विभागों में सर्जरी हो रही है। ओटी कम होने की वजह से हर विभाग को हफ्ते में एक दिन ही ओटी मिल पा रही है। इसके चलते न्यूरोसर्जरी, गायनी, जनरल सर्जरी आदि विभागों में सर्जरी के लिए मरीजों को दो-दो महीने तक इंतजार करना पड़ता है। किसी भी विभाग में इमरजेंसी केस आने पर रोटीन के ऑपरेशन टालने पड़ते हैं। अस्पताल प्रबंधन ने जून अंत तक सभी ओटी तैयार करने का लक्ष्य रखा था, पर अभी सिर्फ पांच नए ओटी शुरू होने की ही उम्मीद है।

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