अमेरिका के डिटेंशन सेंटरों बंद अधिकतर भारतीय सिख और ईसाई

वाशिंगटन । अमेरिका में गैर कानूनी तरीके रह रहे भारतीयों अधिकतर सिख औऱ् ईसाई है। अमेरिका में भारतीय मिशन ने दो डिटेंशन सेंटर से संपर्क साधा है जहां करीब 100 भारतीय बंद हैं। इनमें से ज्यादातर पंजाब से हैं, जिन्हें अमेरिका की दक्षिणी सीमा से गैरकानूनी ढंग से प्रवेश करने के कारण हिरासत में लिया गया था। जानकारी के मुताबिक, अमेरिका के न्यू मैक्सिको प्रांत के डिटेंशन सेंटर में 40 से 45 भारतीय बंद हैं जबकि ऑरेगॉन के डिटेंशन सेंटर में 52 भारतीय बंद हैं।

भारतीय दूतावास ने जानकारी जारी करते हुए बताया कि उन्होंने दोनों डिटेंशन सेंटर से संपर्क किया है। जानकारी में कहा गया है कि वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी ऑरेगॉन की डिटेंशन सेंटर के दौरे पर गए थे जबकि दूसरे न्यू मैक्सिको के डिटेंशन सेंटर के दौरे पर जाएंगे। हम हालात पर नजर रख रहे हैं।

12 से ज्यादा लोग न्यू मैक्सिको के केंद्र में कई महीनों से बंद हैं। बाकी भारतीयों को यहां लगभग एक हफ्ता पहले लाया गया था। इन केंद्रों में बंद ज्यादातर लोग शरण की मांग कर रहे हैं। उनका दावा है कि उन्हें उनके देश में हिंसा या उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन (नापा) के अध्यक्ष सतनाम सिंह चहल का मानना है कि हजारों भारतीय अमेरिका की जेलों में बंद हैं। इनमें से हजारों लोग अकेले पंजाब से ही हैं।

नापा ने वर्ष 2013, 2014 और 2015 के बीच फ्रीडम ऑफ इन्फर्मेशन एक्ट (एफओआईए) के तहत मिली सूचना के आधार पर बताया कि अमेरिकी सीमा पर 27,000 से ज्यादा भारतीयों को पकड़ा गया है। इनमें से 4,000 महिलाएं और 350 बच्चे हैं। इस कानून के तहत वर्ष 2015 में मिली सूचना के मुताबिक देश में गैरकानूनी रूप से रहने के आरोप में 900 से ज्यादा भारतीय विभिन्न संघीय अदालतों में बंद हैं।

चहल ने आरोप लगाया कि पंजाब में मानव तस्करों, अधिकारियों और राजनेताओं का गठजोड़ है जो युवा पंजाबियों को उकसाते हैं कि वह अपना घर-बार छोड़कर गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में जाएं। इसके लिए वह प्रतिव्यक्ति 35 से 50 लाख रुपए वसूलते हैं। उन्होंने पंजाब सरकार से अनुरोध किया कि वह मानव तस्करी के कानून को कड़ाई से लागू करें।

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