दो सौ से ज्यादा रेल परियोजनाओं की लागत डेढ़ लाख करोड़ रुपये बढ़ी!

नई दिल्ली: रेलवे की 331 केंद्रीय क्षेत्र परियोजनाओं में से 60 प्रतिशत से अधिक की लागत विभिन्न कारणों से डेढ़ लाख करोड़ रुपये बढ़ गई है. सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की जुलाई, 2017 की रिपोर्ट के अनुसार रेलवे की 202 परियोजनाओं की कुल लागत 1.5 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई है.

सांख्यिकी मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या अधिक की लागत वाली केंद्रीय क्षेत्र परियोजनाओं की नियमित आधार पर निगरानी करता है. रिपोर्ट के अनुसार इन 202 परियोजनाओं की मूल लागत 1,05,424.13 करोड़ रुपये थी. अब इन परियोजनाओं की कुल लागत 2,55,634.29 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. इस तरह इन परियोजनाओं की लागत 142.48 प्रतिशत बढ़ी है. मंत्रालय ने जुलाई में रेलवे की करीब 350 परियोजनाओं की निगरानी की.

रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे की निगरानी वाली 350 परियोजनाओं में से कम से कम 33 परियोजनाएं ऐसी हैं जिनमें विलंब का समय 12 महीने से 261 माह का है. रेलवे के बाद बिजली क्षेत्र की परियोजनाओं की लागत सबसे अधिक बढ़ी है.

बिजली क्षेत्र की 125 परियोजनाओं में से 43 की लागत 52,933.93 करोड़ रुपये बढ़ी है. इन 43 परियोजनाओं की मूल लागत 89,432.27 करोड़ रुपये थी. अब इन परियोजनाओं की लागत 1,42,366.20 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. बिजली क्षेत्र की 125 परियोजनाओं में से 59 में पांच महीने से 134 महीने का विलंब हुआ है.

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