म .प्र. किसान आन्दोलन : मुवाबजा किसको किसान को या उपद्रवियों को l

मध्य प्रदेश  शासन ने कल कहा की उन की किसानो से  बात हो गई है और वो अब  आन्दोलन नहीं करेंगे l शाम तक माहौल ख़राब होता है पुलिस गोली चलती है और 6 लोगो की जान जाती है , परदेश के गृह मंत्री कहते है गोली नहीं चली  पूरा प्रशासन कहता है गोली नहीं चली और बिना गोली चले 6 लोगो की मौत हो जाती है , यह भी बात सब हो हजम नहीं हुई l दिन मे शिवराज सिंह जी खुद कहते है की किसान आन्दोलन से  अलग हो गए  है और अब आन्दोलन कुछ उपद्रवी तत्व कर रहे है और सरकार उन से  सख्ती से  निपटेगीl उन्होने ने यह भी कहा की सरकार की बात किसानो से हो गई और सरकार तेलहन और दलहन को भी  लागत मूल्य से खरदेगी परन्तु यहाँ यह धयान दिलाने वाली बात है की मध्य प्रदेश मे इन दोनों फसलो की उपज बहुत कम है या है ही नहीं l यह तो किसानो को अस्वासन देने वाली बात हो गई l अब जब सरकार के मुख्यमंत्री मंत्री , गृहमंत्री और पुरी शासन जब यह कह रही हो की आन्दोलन मे किसान नहीं है यह तो सब असामाजिक तत्व है तो फिर यह प्रश्न उठता है की जो लोग कल मारे गए वो शासन की नजरो मे किसान नहीं थे तो सरकार ने एक करोड़ रुपया और परिवार के मेम्बर को नौकरी देने की घोषणा की तो क्या सरकार ने किसानो के बदले आन्दोलन करी असमाजिक लोगो को मुवाबजा दिया है  l यह सोचने का विषय है, या तो सरकार सचाई छुपा रही थी या है या फिर सरकार भी असमाजिक तत्वों को मुवाब्जा दे के बहुत बड़ी गलती कर गई l 

सच क्या है मरे गए लोग कौन थे इस बात का जवाब क्या  सरकार दी पायेगी , इंतज़ार रहेगा सरकार ने वास्तव मे किस लो लाभ पहुचाया ?

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