पॉस्को ई-बॉक्स बच्चों के यौन अपराधों बताने की आसान ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन प्रणाली

पॉस्को ई-बॉक्स बच्चों के यौन अपराधों बताने की आसान ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन प्रणाली 
 स्कूल से लेकर घर तक बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराध बहुत ज्यादा हैं, पर बहुत कम संख्या में ही रिपोर्ट होती है। ज्यादातर मामलों में अपराधी कोई परिवार का सदस्य, नजदीकी रिश्तेदार या जान-पहचान का होता है। ऐसे हालात में बाल पीडि़त अपने साथ हुए दुव्र्यहार को बताता नहीं है।
इन्हीं मामलों पर रोक लगाने के लिए नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स ने पिछले साल पॉस्को ई-बॉक्स की शुरुआत की थी, लेकिन 1 साल बीतने के बाद भी कई स्टूडेंट हैं, जो इसके प्रति जागरुक नहीं हैं। बच्चों के बीच जागरुकता फैलाने के लिए आईसीएसई ने सर्कुलर जारी कर सभी संबद्ध स्कूलों को और शिक्षकों को स्टूडेंट के बीच ई-बॉक्स को लेकर जागरुकता फैलाने की जिम्मेदारी सौंपी है। पॉस्को ई-बुक्स बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों को दर्ज करने के लिए आसान ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन प्रणाली के रूप में शुरु की गई है। इससे यौन अपराधियों के खिलाफ पॉस्को अधिनियम, 2012 के तहत समय पर कार्यवाही भी सुनिश्चित की जा सकेगी। ई-बॉक्स का प्रयोग बहुत ही आसान है और इससे शिकायतकर्ता के नाम से लेकर सभी बातें गोपनीय रखी जा सकेंगी।
इस तरह काम करता है ई-बॉक्स
ई-बॉक्स को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की वेबसाइट के मेन पेज पर प्रमुख रूप से दिखाया गया है। यहां शिकायतकर्ता को पॉस्को ई-बॉक्स का बटन दबाना होता है, जिसके बाद एनिमेटेड फिल्म दिखाई जाती है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग उसका मित्र है और उसकी मदद करने को तैयार है। दूसरे चरण में एक तीर को दबाने के बाद यह एक नए पृष्ठ पर ले जाता है, जहां पीडि़त बच्चे को तस्वीरों के विकल्पों में से कम से कम एक तस्वीर को चुनना होता है। ये तस्वीरें उत्पीडऩ की श्रेणी को बताती हैं। इसके बाद एक फॉर्म भरना होता है, जिसमें ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर और उत्पीडऩ के विवरण के बाद सबमिट बटन दबाना होता है। इतना ही नहीं यदि आपके पास मोबाइल नंबर या ई-मेल आईडी नहीं है तो आप वेबसाइट पर दिए चाइल्ड लाइन नंबर पर फोन करके शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

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