‘नागा साधुओं’ के बारे में 15 ग़ज़ब रोचक तथ्य,

कौन है नागा साधु ? कैसे बनते है नागा साधु ? भारत में कुल 13 ऐसे अखाड़े है जहाँ सन्यासियों को नागा साधु बनाया जाता है. ये हिमालय में जीरो से भी नीचे तापमान पर जीवित रह लेते है. आम आदमी के पास नागा साधुओं के बारे में कोई खास जानकारी नही होती लेकिन आज हम आपको इनके बारे में सब कुछ बताने जा रहे है…

1. जो व्यक्ति नागा साधु बनना चाहता है उसके अखाड़े में प्रवेश के बाद उसके ब्रह्मचार्य की परीक्षा ली जाती है। इसमें 6 महीने से 12 साल तक लग सकते है। जब अखाड़े और उसके गुरू को ये लगता है कि वो दीक्षा देने लायक हो चुका है तो उसे अगली प्रक्रिया में ले जाया जाता है.

2. नागा साधु बनते समय साधु को अखाड़े के ध्वज के नीचे 24 घंटे तक नंगा खड़ा रहना पड़ता है उसके बाद वरिष्ठ नागा साधु लिंग की एक विशेष नस को खींचकर उसे नपुंसक कर देते है। इसके बाद वह नागा दिगंबर साधु बन जाता है.

3. ऐसा नही है कि सिर्फ पुरूष ही नागा साधु बनते है बल्कि महिलाएँ भी नागा साधु है खासकर विदेशी महिलाएँ.

4. नागा साधु बनने के लिए सबसे पहले अपने बाल कटवाने पड़ते है फिर गंगा में 108 डुबकी लगाते

है और उसके पाँच गुरू बनाए जाते है। उसके बाद खुद को अपने परिवार और समाज के लिए मृत मानकर अपने हाथों से अपना श्राद्ध कर्म पूरा करना होता है। ये पिंडदान अखाड़े के पुरोहित करवाते है.

5. दीक्षा के लायक होने के बाद साधुओं को एक गुरूमंत्र दिया जाता है उसकी भविष्य की सारी तपस्या इसी गुरू मंत्र पर आधारित होती है.

6. नागा साधु बनने के बाद वस्त्रो का त्याग करना पडता है अगर वस्त्र डालने ही है तो गेरूए रंग का सिर्फ एक वस्त्र डाल सकते है. महिला नागा साधु को नग्न रहने की अनुमति नही है.

7. नागा साधु की ट्रेनिंग किसी कमांडो से कम नही होती। नागाओं को सिर्फ साधु नहीं, बल्कि योद्धा माना गया है। अक्सर नागा साधु अपने साथ तलवार, फरसा या त्रिशूल लेकर चलते है.

8. खाट, पलंग तो छोड़ो नागा साधु गद्दी पर भी नही सो सकते। ये केवल जमीन पर सोते है.

9. नागा साधु हमेशा बस्ती से बाहर निवास करते है, ये सन्यासी को छोड़कर किसी का प्रणाम नही कर सकते और ना ही किसी की निंदा कर सकते है.

10. नागा साधु दिन में सिर्फ एक ही समय भिक्षा मांगकर भोजन करते है. ये ज्यादा से ज्यादा सात घरों में भिक्षा माँग सकते है। अगर सातों घरों से कोई भिक्षा ना मिले तो इन्हें पूरा दिन भूखा रहना पड़ता है.

11. नागा साधुओं को सुबह स्नान के बाद सबसे पहले शरीर पर भस्म लगानी होती है और रूद्राक्ष धारण करना पड़ता है.

12. नागा साधु अपने तिलक पर बहुत ज्यादा ध्यान देते है कोशिश रहती है कि हर रोज एक जैसा तिलक लगे.

13. नागा साधु को अपने पास चिमटा रखना जरूरी होता है क्योकिं धुनी रमाते समय सबसे ज्यादा काम चिमटे का ही पड़ता है. चिमटा साधुओं के व्यक्तित्व का अहम हिस्सा होता है.

14. साधुओं में भी पद और अधिकार होते है और इनके पद बदलते रहते है जैसे नागा साधु के बाद महंत, श्रीमहंत, जमातिया महंत, थानापति महंत, पीर महंत, दिगंबर श्री, महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर.

15. अक्सर नागा साधुओं को कुंभ के मेले में देखा जाता है। जैसे ही कुंभ का मेला खत्म होता है ये रातों रात गायब हो जाते है। ये जंगल के रास्ते ही अपना सफर पूरा करते है.

 

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