टॉप रैंकिंग के संस्थानों को यूजीसी की समीक्षा व्यवस्था से मिल सकती हैं पूरी तरह मुक्ती

 टॉप रैंकिंग के संस्थानों को यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन(यूजीसी) की समीक्षा व्यवस्था से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा। इस नई व्यवस्था का खाका बना लिया गया है। इस संबंध में यूजीसी(ग्रांट ऑफ ग्रेडेड ऑटोनॉमी टू इंस्टिट्यूशंस ऑफ हायर एजुकेशन) रेगुलेशंस 2017 का ड्रॉफ्ट अहम है। देश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव करने के लिए केंद्र सरकार ने तय किया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों को मिलने वाली स्वायत्ता और उनकी रेगुलेटरी स्क्रूटिनी इस बात पर निर्भर करेगी कि गुणवत्ता के मानदंडों पर उनका प्रदर्शन कैसा है। सूत्रों के मुताबिक सेंट्रल एक्ट, प्रॉविशियल या स्टेट एक्ट के तहत स्थापित हर यूनिवर्सिटी और डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी और सभी स्वायत्ता कॉलेजों पर लागू होने वाला यह रेगुलेशन गजट नोटिफिकेशन के साथ लागू हो जाएगा। संस्थानों को चार टीयरों में बांटा जाएगा।
टीयरों के नियम
टीयर वन श्रेणी में आने के लिए संस्थानों को दो मानकों को पूरा करना पड़ेगा। पहला, संस्थान के पास एएए द्वारा दिए गए एक्रेडिशन में ए प्लस ए प्लस प्लस का स्कोर मिला हो(यह स्कोर 4 के स्केल पर 3.5 से ज्यादा होना चाहिए)। दूसरा एनआईआरएफ रैंकिंग में संस्थान की रैंकिंग शीर्ष 75 संस्थानों मेंं हो। इन मानकों को पूरा करने वाले संस्थानों को यूजीसी की समीक्षा से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा। ये संस्थान अपनी मर्जी से नया कोर्स या विभाग शुरू कर सकेंगे। इसके अलावा संस्थान विदेशी संस्थानों के साथ सहयोग कर सकेंगे, करिकुलम में बदलाव कर सकेंगे। टीयर वन की श्रेणी पाने वाले संस्थान अपना नया कैंपस और सेंटर भी शुरू कर सकेंगे। संस्थानों को फीस तय करने की आजादी होगी।
शीर्ष 75 संस्थानों की सूची में जगह बनानी होगी
टीयर टू श्रेणी में प्रवेश पाने के लिए संस्थानों को या तो एएए से ए प्लस एप्लस प्लस का स्कोर हासिल करना होगा या फिर एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष 75 संस्थानों की सूची में जगह बनानी होगी। इन संस्थानों को नए विभाग व नए कोर्स खोलने की आजादी होगी। टीयर तीन की श्रेणी में जगह बनाने के लिए संस्थानों को या तो एएए से ए ग्रेड हासिल करना होगा या फिर एनआईआरएफ रैंकिंग में शीष 150 संस्थानों की सूची में जगह बनानी होगी। इन संस्थानों को नए कोर्स शुरू करने और करिकुलम में बदलाव करने की आजादी होगी। टीयर चार में वे संस्थान शामिल होंगे जिन्हें न तो एएए एक्रेडिशन से ए ग्रेड मिला हो न तो एनआईआरएफ की शीर्ष 150 संस्थानों की सूची में जगह मिली हो। इन संस्थानों की यूजीसी की एक्सपर्ट कमिटी यूजीसी के नियमों के हिसाब से समीक्षा करेगी।

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